फिर इक रोटी और दो बूंद पानी का दाम ये पैसा चुका ना पाएगा, फिर तिरस्कृत और अक्षम्य मनुष फिर इक रोटी और दो बूंद पानी का दाम ये पैसा चुका ना पाएगा, फिर तिरस्कृत और अक्...
खामोशी टूट जाए रंगों से भर जाए यह दुनिया फिर से । खामोशी टूट जाए रंगों से भर जाए यह दुनिया फिर से ।
गर न थमा प्रदूषण, स्वच्छ न रही धरती, तो एक दिन सब हो जायेंगे खामोश। गर न थमा प्रदूषण, स्वच्छ न रही धरती, तो एक दिन सब हो जायेंगे खामोश।
क्या हालात इतने खराब हो गए हैं ? क्या हालात इतने खराब हो गए हैं ?
तुम गर्म चाय की प्याली हो तुम्हारी मुस्कान निराली हो। तुम क्या हो मेरे लिए इस बेस तुम गर्म चाय की प्याली हो तुम्हारी मुस्कान निराली हो। तुम क्या हो मेरे लिए ...
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।